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खाना सूंघने से होगा Weight lose पर कैसे आइए जानते हैं | New Way to Weight lose

Weight lose: सामान्य भाषा में ऐसा कहा जाता है कि आपको कम खाना चाहिए यदि आपको अपना weight lose करना है लेकिन ज्यादातर यह देखा गया है कि यह संभव नहीं हो पाता है लोग अपने खाना खाने की क्षमता को कम नहीं कर पाते हैं क्योंकि यह उनकी आदत में समाई हुई है लेकिन अब हमारे सामने एक नया खुलासा आया है जी हां जर्मन रिसर्च ने दावा किया है कि यदि खाना खाने से पहले उसे अच्छी तरह से सूंघ लिया जाए तो इससे पेट भरने लगता है और आप कम खाते हैं जिससे weight lose में काफी हद तक मदद मिलती है चलिए विस्तार से जानते हैं इसको:

लोग वजन कम करने के लिए डाइटिंग करते हैं जिम में जाकर घंटों पसीना बहाते हैं तरह-तरह के सप्लीमेंट्स लेते हैं और पता नहीं क्या-क्या करते हैं लेकिन आप जानते हैं कि इससे भी जल्दी से जल्दी weight lose नहीं होता है

लेकिन आपको जानकर बहुत ही आश्चर्य होगा कि हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक फ्री वाला तरीका निकाला है जिससे कोई भी अपने वजन को मेंटेन कर सकता है कम कर सकता है.

एक्सपर्ट में रिसर्च पर यह पाया कि खाना खाने से पहले अगर उसे अच्छी तरह से सूंघ लिया जाए तो हमारा पेट भरने लगता है हमें यह एहसास होने लगता है कि पेट भर रहा है जिससे हमें भूख कम लगने लगती है हममें भूख को रोकने की क्षमता बढ़ने लगती है तो हम कम खाते हैं जिससे हमारा वजन कम होने में सहायता मिलती है

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यह रिसर्च जर्मन रिसर्चर्स द्वारा की गई है जिन्होंने भोजन की गंध के प्रति चूहो की प्रतिक्रिया के आधार पर उनके मस्तिष्क का स्कैन किया है.

क्या कहती हैं यह रिसर्च Weight lose के लिए

जर्मन रिसर्च ने मस्तिष्क की तंत्रिका कोशिकाओं की ऐसे खास समूह की पहचान की जिनका नाक से सीधा संबंध होता है उन्होंने पाया कि जब भोजन से पहले इन कोशिकाओं को एक्टिव किया जाता है तो चूहे ने कम खाना खाया था लेकिन ऐसा केवल तभी हुआ था जब उन्हें भोजन की गंध के संपर्क में लाया गया था यानी कि सामने भोजन रखा हुआ है और उसमें से अच्छी खुशबू आ रही है राइटर का कहना है कि यह अभी तक पता नहीं चल पाया है कि भूख को दबाने के लिए खाना सूंघने कि प्रक्रिया मनुष्य पर भी काम कर सकती है या नहीं हालांकि उन्होंने पाया कि हमारे मस्तिष्क में भी चूहे की तरह ही तंत्रिका कोशिकाओं का हूंबहू ग्रुप मौजूद होता है जो रिस्पांस के लिए जिम्मेदार होता है लेकिन यह उन लोगों के लिए वजन घटाने का तरीका नहीं होता है जो पहले से ही अधिक वजन वाले हैं एक्सपर्ट्स ने पाया कि मोटे चूहे में भोजन की गंध आने पर मस्तिष्क की प्रक्रिया सामान नहीं थी लेकिन जिन चूहों का वजन कम था उन्हें इससे काफी फायदा हो रहा था यानी कि जो अभी ओबेसिटी में प्रवेश करने वाले हैं उन पर तो यह अच्छे तरीके से लागू होता है लेकिन जो पूरी तरीके से ओबेसिटी से ग्रस्त है उन पर शायद एक काम ना करे

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रिसर्च लेखक का मानना है कि मोटापे के कारण गंध महसूस होने की क्षमता कम होती है जो एक ऐसी प्रक्रिया है जो चूहे की तरह मनुष्य में भी समान होते हैं वह कहते हैं कि हमारी रिसर्च दिखती है कि हमारी रोजमर्रा के खान-पान की आदतें भोजन की गंध से इतनी प्रभावित होती हैं कि हमारे निष्कर्ष इस बात पर ध्यान खींचता है कि भूख की रेगुलेशन और मोटापे की ग्रोथ में गंध पर विचार करना कितना जरूरी होता है हमने पाया कि यह तरीका पतले चूहे या एक ठीक-ठाक चूहा की भूख कम करता है लेकिन मोटे चूहे में नहीं. 

यानी कि जो ज्यादा मोटा हो चुका है उनके लिए यह बेहतर तरीके से फायदेमंद नहीं होगा इसलिए जो ज्यादा मोटा हो चुका है वह इसका उपयोग तो करें लेकिन साथ में उसे अन्य डाइट एक्सरसाइज वगैरा जरूर करना होगा तभी वह मोटापे से ग्रस्त की समस्याओं से बाहर निकल सकता है पहले भी कई रिसर्च ने बताया है कि भोजन से पहले कुछ गंधों को सूंघने से लोगों की भूख कम होती है लेकिन यह ठीक-ठाक और पतले लोगों पर ज्यादा बेहतर तरीके से काम करता है धन्यवाद.